basil in hindi Or What We Call Basil Leaves In Hindi ?
basil in hindi इटालियन बेसील आवश्यक जड़ी बूटियों में से एक है और इसे उगाना बहुत आसान है, यह 2-3 इंच लंबे, गहरे हरे रंग की पत्तिया होती है, इसमें एक मसालेदार, सुगंधित स्वाद होता है, इटैलियन बेसील का उपयोग खाद्य उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है,
तुलसी और बेसील का फरक Difference Between Tulsi & Basil In Hindi
बेसील को हिंदी मे लोग तुलसी के नाम से जाणते है लेकीन इटालियन बेसील और तुलसी मे काफी अंतर होता है, एकतरफ तुलसी का उपयोग दवाईया बनाने मे किया जाता है वही दुसरी तरफ बेसील का उपयोग खाने मे किया जाता है.
बेसील और तुलसी दोनोही सुगंधी और औषधी पौधे होते है, दोनो ही पौधे टेस्ट मे अधिकतम समांतर होते है,बेसील को इटालियन और युरोपीयन देशो मे सलाड एवं हरी सब्जीयों मे उपयोग किया जाता है वही दुसरी और तुलसी को भारत मे आयुर्वेदिक औषधीयो मे ईस्तेमाल किया जाता है, स्वीट बेसील का उपयोग चीन और जपानी लोग अपनी रोज की चाय मे करते है.
साइंटिफिक नाम Scientific Name of Tulsi & Basil In Hindi
1. तुलसी का साइंटिफिक नाम ओसीमम टेनूफ्लॉरम है
2. बेसील का साइंटिफिक नाम ओसीमम बॅसीलीकम है
बेसील एवं तुलसी के अन्य नाम Other Names of Tulsi & Basil In Hindi
तुलसी को होली बेसील केहते है
बेसील को स्वीट बेसील, सेंट जोसेप वोर्ट, थाई बेसील एवं मिंट भी केहते है
हाइलाइट
- तुलसी मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे पुरानी जड़ी बूटियों में से एक है
- जड़ी-बूटी में मौजूद वाष्पशील तेलों में कई औषधीय गुण होते हैं.
Benefits Of Basil Leaves In Hindi
और पढे : तुलसी की उत्पत्ति History Of Tulsi / Basil In Hindi
तुलसी को कई नामों से बुलाया जाता है जैसे कि स्वीट बेसील या यहाँ तक कि थाई बेसील, तुलसी बड़े टकसाल परिवार, या लामियासी परिवार के सदस्य हैं, साथ ही अन्य पाक जड़ी बूटियों जैसे मेंहदी, ऋषि, और यहां तक कि लैवेंडर भी हैं,यह माना जाता है कि भारत में तुलसी की उत्पत्ति हुई है, लेकिन दुनिया के सभी कोनों में फैलने के साथ बेसील की खेती 5,000 साल से अधिक पेहले से की जाती है,इतिहास यह बताता है की तुलसी/बेसील भारत मे 807 ए डी से है,साथ मे यह उस समय चीन के हुनान क्षेत्र में मीठी तुलसी का उपयोग किया जाता था.
तुलसी का उपयोग लंबे समय से अनेक परंपराओं में किया जाता है, लेकिन इसका इतिहास समाज में अन्य उपयोगों से समृद्ध है, प्राचीन मिस्र में, तुलसी का उपयोग एक संचय के रूप में किया जाता था और जड़ी बूटी को संरक्षित करने के रूप में यह कब्रों और ममियों में पाया गया है, शायद इसके क्षीण अनुप्रयोगों के कारण, तुलसी ग्रीस में शोक का प्रतीक भी था, जहाँ इसे बेसिलिकॉन फूटन के रूप में जाना जाता था,
जिसका अर्थ है शानदार, शाही या किंगली जड़ी बूटी, तुलसी का अन्य प्राचीन औषधीय परंपराओं के अलावा, प्राचीन पारंपरिक औषधियों जैसे आयुर्वेद, प्राचीन भारत की पारंपरिक औषधीय प्रणाली में एक मजबूत इतिहास है.तुलसी के इतिहास के माध्यम से विविध सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक अर्थ भी है,उदाहरण के लिए, यहूदी लोककथाओं में तुलसी को उपवास करते समय ताकत जोड़ने के लिए माना जाता है, पुर्तगाल में, तुलसी के पौधे कुछ धार्मिक छुट्टियों पर एक प्रिय या प्रेमी को उपहार का हिस्सा बनाते हैं, जबकि प्राचीन ग्रीस में, तुलसी घृणा का प्रतीक था, ये जड़ी बूटी के स्थायी सांस्कृतिक महत्व के कुछ उदाहरण हैं.
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तुलसी की किस्में Types Of Tulsi / Basil In Hindi
Tusli के पौधे की विभिन्न किस्मों को विभिन्न संस्कृतियों के व्यंजनों में अपनाया गया है, मीठी तुलसी के स्वाद सभी इटालियन पक्वानो मे मिलते हैं, जहां इसे उदारतापूर्वक उपयोग किया जाता है, जबकि थाई तुलसी, नींबू तुलसी, और पवित्र तुलसी कई एशियाई पक्वानो में ईस्तेमाल की जाती है.
तुलसी जुड़े फायदे और कुछ उपयोग – Health Benefits of Holy, Sweet Basil in Hindi
तुलसी पुदिना के परिवार कि एक जड़ी बूटी है, यह भोजन में स्वाद जोड़ती है, और इसके पोषक तत्व स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं.
मधुमेह प्रबंधन Tulsi & Basil Helps In Diabetes Mellitus
तुलसी के सेवन से रक्त में शक्कर की धीमी गति से रिहाई हो सकती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत आवश्यक है, तुलसी में बहुत कम ग्लाइसेमिक लोड होता है और इसके अलावा तुलसी में मौजूद आवश्यक तेल भी ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए एक लगातार जोखिम कारक है.
स्वस्थ आंत को बढ़ावा देना Tulasi & Basil Helps In Digestion & Acidity
तुलसी शरीर के प्राकृतिक पीएच स्तर को बहाल करने में भी मदद करती है और आंत के माइक्रोफ्लोरा के भीतर स्वस्थ बैक्टीरिया को स्वस्थ रखती है, साथ मे रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढावा देती है और पाचन मे भी मदद करती है.
बुखार के लिए Tulasi & Basil Relieves High Fever
तुलसी के पत्तों का उपयोग बुखार से लड़ने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से मलेरिया से संबंधित और अन्य संक्रामक, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम बुखार से.कुछ इलायची के साथ लगभग दो-चौथाई पानी में पत्तियों को उबालनले फिर चीनी और दूध के साथ मिलाकर थंडा कर ले, फिर मीठे पानी में तुलसी के पत्तों का अर्क हर 2 से 3 घंटे में पीना चाहिए, ये छोटे बच्चो के लिए भी सही है.
जुकाम का इलाज करता है Tulasi & Basil Relieves Cold Flu
तुलसी के एंटीबायोटिक गुणों की उच्च सांद्रता के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढावा देता है,मौसम बदलने पर शुरू होने वाली जुकाम और इस प्रकार सर्दी और फ्लू सहित शरीर की कई बीमारियों से तुलसी के गुण बचाव करते है.
जीवाणुरोधी गुण होते हैं Anti Bacterial Properties Of Tulasi & Basil In Hindi
तुलसी के आवश्यक तेलों का लाभ जीवाणुओं के हानिकारक विकास को रोकता है, कई सारें अध्ययनों में बताया गया है की तुलसी के अर्क ने एंटीबायोटिक उपचारों का जवाब नहीं देने वाले प्रतिरोधी जीवाणु उपभेदों को भी रोकने में मदद की है.
तनाव और चिंता को कम करता है Relieves Stress & Depression In Hindi
तुलसी का पौधा एक एडेपोजेन के रूप में कार्य कर सकता है, जैसा कि कई अध्ययनो में दिखाया गया है, एडाप्टोजन एक स्वाभाविक रूप से होने वाली सामग्री है जो शरीर को तनाव के अनुकूल बनाने और मानसिक संतुलन में सुधार करने में मदद कर सकती है.
पाचन शक्ती को बढावा देना Basil Helps In Food Digestion
पवित्र तुलसी पाचन तंत्र मे सुधार लाती है, भोजन के पहले या बाद में पवित्र तुलसी के पत्तों को खाये – इससे आपके पाचन तंत्र में पोलिफेनॉल प्रवेश करते है जहां वे आंतों में सूजन के लक्षणों को राहत देने के लिए काम करते हैं.तुलसी के पत्तों को चबाने से भी पेट की अम्लता कम होती है और एक क्षारीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है जिससे पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है.
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दुनिया मे सबसे फेमस बेसील पेस्टो रेसिपी World Famous Basil Pesto Recipe In Hindi
बेसील पेस्टो हवा के संबंध मे आने से रंग मे बदलावं लाता है और काले रंग का होने लगता है इसलीये इसे हवा बंद डिब्बे मे रखें, आप प्लास्टिक बॅग में भी रख सकते है मात्र बेसील के पेस्ट को आप बिना हात लगाए रखें इससे बेसील पेस्टो लंबी समय के लिए हरे रंग का रेहता है.
सामग्री
- 2 कप ताजा बेसील के पत्ते साथ मे छोटे स्पिनाच के पत्ते
- आधा कप ताजा बारीक किसा हुआ रोमानो चिस
- आधा कप व्हर्जिन ऑलिव्ह आईल
- आधा कप चिलगोजा (Pine Nuts)
- 3 लहसुन क्लोव्ह और नमक स्वादानुसार
- एक चमच काली मिरी का पावडर
बेसील पेस्टो बनाने का तरीका How To Make Basil Pesto In Hindi
1.बेसील पत्ते, चिलगोजा को मिक्सर मे डाले और बारीक होने तक पिसे.
2.इसके बाद चिस और लहसुन को भी इसमे मिलाए और फिर से बारीक कर ले.
3.उपर का मिश्रण बारीक पिसने के बाद इसमे थोडा ऑलिव्ह ऑईल डालकर पिसते रहे, ध्यान रखें की आपको थोडा थोडा ऑइल डालना है तभि इमलशन बनेगा और आपको बेसील पेस्टो का सही पेस्ट मिलेगा.
4.इसके बाद इसमे काली मिरी का पावडर और नमक डाले.
बेसील टी रेसिपी Basil Tea Recipe In Hindi
साहित्य
- आधा कप तुलसी के पत्ते
- ढाई कप पानी
- 2 टीस्पून चाय पत्ती/टी बॅग
- चिनी अपने हिसाब से ले
- दुध अगर आपको चाहीये तो
एक छोटे पतेले मे तुलसी पत्ते और पाणी को उबाले, फिर इसे धीमी आंच पर 3-4 मिनट रखें.अभी इसमे चाय पत्ती डाले साथमे चीनी भी डाले और फिर से उबाले.अब गॅस बंद करके चाय को छोटी छलणी से निकाल कर गरमागरम पीए.
तुलसी के पत्तो को कैसे सुखाकर रखें (How To Dry Basil In Hindi)
- सबसे पेहले तुलसी के पत्तो को पेड से निकाले और आच्छि तरह धोकर सुखा ले
- तुलसी के पत्तो को ओव्हन मे सबसे कम तापमान पर रखें कम से कम 2-4 घंटे इन्हे ओव्हन मे रखें
- सभी तुलसी के पत्तो को ओव्हन से निकाल कर थंडे करे और हवा बंद डिब्बे मे रखें
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