यदी आप खूजली से परेशान है और खुजली की दवा का खोज कर रहें हो तो आप एकदम सही जगह आए हो,आज के इस लेख में हम जानेंगे खुजली की दवाइयां, खुजली की दवा का नाम, खुजली पर घरेलू नुस्के और खूजली के कारण।
खुजली की दवा – खुजली की दवाइयां और घरेलू नुस्के
खुजली की दवा जानने से पेहले हमे ये जानना जरुरी है की यह खुजली क्यू और किस कारण हो रही है, क्योंकी तभी आप इस खुजली को जड से उखाड फेक सकते है।
खुजली के अनेक कारण हो सकते है ऐसें ही कुछ कारण नीचे दिए गए है:
खुजली एक असहज, चिड़चिड़ाहट की अनुभूति होती है और यह खुजली शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है और खरोंच भी पैदा कर सकती है।
Types of itch खुजली के प्रकार हिंदी में
1.तंत्रिकाजन्य और प्रणालीगत खुजली / Neurogenic and systemic itch
इस प्रकार की खुजली त्वचा के अलावा अन्य अंग प्रणालियों को प्रभावित करती हैं यह मुख्यतः अन्य अंग प्रणालियों के विकार से होती है।
इन विकारों में क्रोनिक रेनल फेल्योर, लिवर की बीमारी, हेमटोलोगिक और लिम्फोपोलिफेरिवेटिव स्थितियां और विकृतियां शामिल हैं।
2.साइकोोजेनिक खुजली / Psychogenic itch
यह खुजली मनोवैज्ञानिक असामान्यताओं से जुड़ी होती है और इसे मूल रूप से मनोरोग माना जाता है।
इसमें रोगी को आच्छि त्वचा पर भी खूजली करने की इच्छा होती है और इस वजह से रोगी आच्छि त्वचा पर भी खरोच पैदा कर लेता है।
3.न्यूरोपैथिक खुजली / Neuropathic itch
इस प्रकार की खुजली में सेंट्रल या पेरिफेरल सेन्सरी न्यूरॉन को नुकसान पहुचने के वजह से होती है,जीससे त्वचा पर प्रुरिटिक उत्तेजना निर्माण होती है और खूजली का कारण बनती है।
4.प्रुरिटोसेप्टिव खुजली / Pruritoceptive itch
यह खुजली त्वचा विशेषज्ञों द्वारा सबसे अधिक बार सामना किया जाने वाला प्रकार है।
इसमें, त्वचा पर दाद और जलन होती है और इसे देखते ही पता चलता है की यह एक प्रुरिटोसेप्टिव खुजली है।
खुजली की दवा / खुजली की दवाइयां
यदि आपकी त्वचा पर खुजली है, तो इसपर आप लोशन या क्रीम का ईस्तेमाल कर सकते है यह खुजली के लक्षणो को अधिक कम करने में मदद करते है।
लोशन या क्रीम आमतौर पर नीचे दिए गए तीन अलग-अलग सक्रिय तत्वों में से एक होते हैं:
- टॉपिकल स्टेरॉयड: जलन को कम करते है।
- टॉपिकल एंटीथिस्टेमाइंस: एलर्जी से जुड़ी खुजली कम करते है।
- टॉपिकल निश्चेतक: त्वचा को सुन्न करते है।
खुजली की दवा का चयन करने के लिए आपको आपके खुजली का सटीक कारण पता हो तो खुजली की दवा आप आसानी से चुन सकते है।
खुजली की दवाइयां संक्रमण के कारण होने वाले खुजली जैसे कि खमीर संक्रमण, दाद, और खुजली के इलाज में मदद कर सकती हैं।
खुजली की दवा No.1 – इच गार्ड

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भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खुजली की दवा है यह क्रिम अँटी-फ़ंगल होणे के कारण यह कुकुरमुत्ता / फंगस को मारकर इसके कारण होणे वाली त्वचा की खुजली को कम करने में उपयोगी होती है।
इच गार्ड के ईस्तेमाल की दिशा:इस खुजली की दवा को दिन में एक या दो बार प्रभावित क्षेत्र पर एक पतली परत लागू करें। 1-2 सप्ताह के लिए उपचार जारी रखें। यदि लक्षण 2 सप्ताह के बाद नहीं सुधरते हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।
इच गार्ड की सक्रिय सामग्रीटरबिनाफाईन हाइड्रोक्लोराइड I.P. 1% w / w, बेंज़िल अल्कोहल I.P. 1% w / w (परिरक्षक के रूप में), क्रीम बेस q.s.
Terbinafine एक एंटिफंगल दवा है। इसका उपयोग फंगस (खमीर) के कारण होने वाले त्वचा संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
- एथलीट फुट
- फंगल नाखून संक्रमण
- दाद
- जॉक इच (जांगो के क्षेत्र में संक्रमण)
- Pityriasis versicolor (इसके कारण आपकी पीठ, छाती, ऊपरी बांह, गर्दन और पेट पर अक्सर पपड़ीदार और फीकी पड़ चुकी त्वचा के छोटे-छोटे पैच होते हैं)
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खुजली की दवा No.2 सोरियन क्रीम

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- आर्टिमेड द्वारा निर्मित सोरियन क्रीम में नारियल तेल, नीम, हल्दी, कॉमन मैडर और पाला इंडिगो जैसी विदेशी जड़ी बूटियों का एक अनूठा मिश्रण है।
- सोरियन क्रीम त्वचा पर होने वाली खूजली और जलन को तुरंत कम करती है। यह विदेशी और देशी जडी बुटीयो से बनी प्रभावी खुजली की दवा है।
- सोरियन क्रीम का उपयोगत्वचा का सूखापन, स्केलिंग और खुजली से राहत देता है, और त्वचा मुलायम बनाता है।
- त्वचा को शुष्क और चिकना करने में मदद करता है।
- सोरियन क्रीम त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखता है और आपकी त्वचा को आरामदायक महसूस कराता है।
- त्वचा से खूजली और दाद को नष्ट करके कोमलता प्रदान करता है।
खुजली के लिए कौन सा क्रीम अच्छा है?
खुजली की दवा GREENCURE मैग्नोइक हर्बल एंटी खुजली क्रीम

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MagnoItch एंटी खुजली क्रीम – सूखी त्वचा को हाइड्रेट और शांत बनाती है। यह दवा खुजली,जलन, फंगल संक्रमण और बैक्टीरियल संक्रमण में अत्यंत प्रभावी है।इसका ईस्तेमाल निजी भागों में खुजली में किया जा सकता है।
यह खुजली की दवा जर्मन इंजीनियरिंग और भारतीय आयुर्वेदा का संयोजन है। यानी की इसमे जर्मन सायन्स की टेक्नॉलॉजी और असरदार भारतीय आयुर्वेदिक जडी बुटीया होती है।
खुजली की दवा – खुजली की दवा का नाम No.3 IYUSH Ayurvedic Marham

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खासियत:
- यह एक अद्वितीय और प्राचीन आयुर्वेदिक निर्माण प्रक्रिया द्वारा निर्मित प्राकृतिक जड़ी बूटियों का एक अनूठा संयोजन है।
- यह निश्चित रूप से आपकी त्वचा संबंधी सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
- अन्य सभी दवाएं त्वचा पर ऊपर से काम करती हैं लेकिन यह मरहम त्वचा की अंतिम परत तक जाती है और संक्रमण को जड़ से खत्म करती है।
खुजली की दवा का ईस्तेमाल कैसे करें?
इसे दिन में दो बार लगाना चाहीये और ध्यान रहें इसे आँखो के पास ना लगाए।
इसे पेहले सात दिन लागले और तीन दिन तक रुखे फिर सात दिन और लगाए । इसके बाद आपकी पुरानी त्वचा काली पडकर निकल जायेगी और नई त्वचा आ जायेगी।
महिलाओ के निजी भाग पर खुजली की दवा Vagisil Maximum Strength Anti-Itch Creme

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यह क्रीम अमरिका में निर्मित महिलाओ में सबसे पसंदिता खुजली की दवा है।
दवा की खासियत
- दर्दनाक जलती हुई खुजली को रोक देता है।
- विटामिन ए, डी, ई और मुसब्बर के साथ योनि क्षेत्र के लिए विशेष रूप से डिजाइन और सुरक्षित क्रीम है।
- गंध से मुक्त है।
अगर आप महिला है और आपके निजी क्षेत्र जैसे की योनि के आसपास अधिक खूजली है तो आप इस क्रीम को जरूर खरीदे अगर परिणाम नहीं दिखाई देता तो कंपनी आपके पैसे वापस लौटा देगी।
खुजली की दवा – खुजली की दवा का नाम BIOAYURVEDA Anti-Itch ‘N’ Rash Cream

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एंटी-इट ‘एन’ रैश क्रीम महत्वपूर्ण और प्राकृतिक तेलों के साथ-साथ जड़ी बूटियों का एक अनूठा मिश्रण है जो त्वचा पर चकत्ते, एलर्जी से जलन, मामूली काटने, लालिमा और सूजन के मामले में और खूजली की बेचैनी से राहत के लिए उपयोगी होती है।
यह एक ओरगेनिक त्वचा क्रीम है जो त्वचा को स्वस्थ और ताजा बनाए रखने में मदद करती है।
यह त्वचा की अंदरूनी परत तक पोहोचणे की काबिलियत रखती है, इस वजह से यह एक प्रभावी खुजली की दवा है।
यह क्रीम त्वचा की समस्या या प्रदूषण के कारण चकत्ते और खुजली की स्थिति का प्रबंधन करने में मदद करती है।
यह दवा नियमित रूप से त्वचा को फटने, संवेदनशील जलन, मामूली काटने, लालिमा और जलन की सूजन और बेचैनी से राहत दिलाने में मदद करता है।
खुजली पर घरेलू नुस्के खुजली की दवाइयां
1.Aloe Vera – एलोवेरा

एलोवेरा के पौधे को सदियों से त्वचा की बिमारीयों में इस्तेमाल किया जाता है। खूजली की राहत के लिए आप एलोवेरा का ईस्तेमाल कर सकते है। इसमे अँटी इंफ्लामेटोरी, एंटीमायक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सिडेंट गुणधर्म होते है जीससे इसे त्वचा की खूजली में ईस्तेमाल किया जाता है।
Aloe Vera – एलोवेरा का ईस्तेमाल कैसे करें ?सबसे पेहले ताजा एलोवेरा को निकाल लें और प्रभावित जगहो पर हलके हाथ से लागले और इसे सुखने दिजीए और वैसे ही दिन भर छोड दे।
2.नारियल का तेल

यह तेल नारियल के मांस और दूध से निकाला जाता है, इसका उपयोग सदियों से उष्णकटिबंधीय देशों में खाना पकाने के तेल और त्वचा के मॉइस्चराइज़र के रूप में किया जाता है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लामेटोरी गुण होते हैं।
इसका इस्तेमाल कैसे करें
नारियल तेल त्वचा और खोपड़ी पर मॉइस्चराइजर के रूप में उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। यह पूरे शरीर पर या सिर्फ खुजली वाले क्षेत्रों पर लगाया जा सकता है।
वर्जिन (असंसाधित) नारियल का तेल सबसे अच्छा स्रोत है क्योंकि यह अपने एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुणों को रखता है।
3.बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट)

खुजली वाली त्वचा के लिए एक पुराना घरेलू उपाय है – चकत्ते, ज़हर आइवी या किडे काटने पर इसका ईस्तेमाल किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा इस्तेमाल कैसे करें ?
एक से दो चमच बेकिंग सोडा लें और थोडा गरम पाणी लेके ईसकी पेस्ट बना लें और खूजली की जगह पर इसे लगाले और आधे घंटे बाद धोले।
4.जई का दलिया / ओटमील को नहाने के पाणी में डाले
ओटमील को बारीक पिसकर पाणी में घोलीये और इस पाणी से नहा लें।
जई का दलिया में एंटी इंफ्लामेटोरी और त्वचा के लिए एक सुखदायक कोटिंग की आपूर्ति करता है।
इसे नियमित रूप से ईस्तेमाल करने से त्वचा को अनेक फायदे और निरोगीता प्रदान होती है।
5.लहसुन
इसमें अँटिबायोटिक गुण होते हैं इस वजह से इन्फेक्शन से बचाव के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
ताजा लहसुन लें और इसे कुचलें और पेस्ट तयार करके उस क्षेत्र पर लागू करें जहां पर खुजली हो रही है। दिन में दो या तीन बार इसे करें। वैसे लहसुन चबाने से इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसिलिए रोज के खाने में लहसुन का ईस्तेमाल जरूर करें।
लहसुन बॅक्टरीया की वजह से होने वाली खुजली पर रामबाण उपाय है।
6.नीम और हल्दी का पेस्ट
यह पेस्ट भी बॅक्टरीयल और फंगल खूजली पर अच्छा उपाय है।कुछ ताज़ी नीम की पत्तियाँ लें, एक चुटकी ताज़ी हल्दी डालें और एक महीन पेस्ट बनाएँ। इस पेस्ट को खुजली वाले स्थान पर लगाने से आपको खूजली में राहत मिल सकती है।
7.पुदीने के रस का सामयिक अनुप्रयोग बैक्टीरिया, खमीर और कवक के विकास को रोकता है और खुजली और चकत्ते को गायब करता है।
8.नीम, दार हरिद्रा, और रक्त चंदन: ये रक्त शुद्ध करने वाली जड़ी-बूटियाँ हैं जिनमें ऐंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं और वे त्वचा के रोगो के इलाज में मदद कर सकते हैं।
- खूजली
- एलर्जी,
- मुँहासे,
- चकत्ते,
- प्रुरिटस,
- त्वचा पर फफोले
- त्वचा का फटना,
- पिंपल्स और अन्य त्वचा की स्थिति
9.अश्वगंधा, शतावरी, शंखपुष्पी: ये हर्बल अर्क कई त्वचा रोगों में मदद करते हैं और त्वचा के लिए आवश्यक आयुर्वेदिक उपचार हैं। यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और संक्रमण के हमले से शरीर को लड़ने में मदद करता है।
10.कैरम/अजवाईन के बीज अम्लता और दांतों की बिमारीयों से राहत दिलाने में मदद करते हैं और त्वचा की अशुद्धियों को साफ करने में मदद करते हैं।
खुजली से बचने के लिए दैनिक जीवन की आदते।
- खूजली से प्रभावित क्षेत्र को खुशबू रहित क्लींजर या एंटीमायक्रोबियल साबून से धो कर बेहद साफ रखें।
- प्रभावित क्षेत्र को सूखा रखें और कोई भी नमी ऐसें जगह पर ना रखें। पसीना और गीलापन त्वचा की समस्याओं को जन्म देता है अगर यह त्वचा पर जादा देर रहता है।
- खूजली वाले क्षेत्र को कभी भी रगड़ें नहीं, वरना त्वचा की जलन और भी बढ़ सकती है। इससे रिसाव भी हो सकता है और संक्रमण फैल सकता है।
- त्वचा की खूजली को कम करने के लिए सुखदायक और शांत हर्बल अर्क का उपयोग किया जा सकता है। वे निश्चित रूप से खुजली से तुरंत राहत लाएंगे।
- हाइड्रेटेड त्वचा में दरारें या सूखापन विकसित नहीं होगा, इसलिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा अनुशंसित स्वस्थ भोजन खाएं
- ढीले कपड़े पहनें जो त्वचा के खिलाफ अनावश्यक रूप से रगड़ें नहीं।
खुजली की दवा – खुजली की दवाइयां – खुजली की दवा का नाम Patanjali Video
FAQs Of खुजली की दवा – खुजली की दवाइयां – खुजली की दवा का नाम
एलर्जीक खुजली की लिए Cetirizine की दवा लें सकते है जो एलर्जी को कम करते है।
Okacet Tablet भी एक आच्छि एंटी एलर्जीक दवा है जीसका ईस्तेमाल खुजली पर किया जा सकता है।
Ketotosc Antifungal Soap – Anti Itching Soap खूजली कम करने में मदद करता है,यह फ़ंगस को मारकर खूजली से छुटकारा दिलाता है।
Morvin India Ketona Anti Fungal And Bacterial Soap
MENSOME Anti Bacterial Bathing Soap
एलो वेरा, टी ट्री ऑइल जैसे नैसर्गिक तेल खुजली के दाग मिटाने के लिए अच्छे पर्याय है। इन्हे नियमित रूप से खुजली के दाग के क्षेत्र में दिन में दो बार लगाए।
खूजली होणे पर निचे दि गइ चिंजे ना खाए:
मूंगफली, गेहूं, अंडे, गाय का दूध, सोया और शंख का मांस।
Hydrocortisone का इंजेक्शन खूजली में दिया जाता है, आपका डॉक्टर आपके हिसाब से इंजेक्शन का चयन कर सकता है।
शरीर में खुजली होने के अनेक कारन हो सकते है मात्र सबसे सामान्य कारन यही होता है की बॅक्टरीयल या फंगस संक्रमन। जीससे शरीर पर दाद और खूजली होती है।
चेहरे पर खुजली हो तो इसका प्रमुख कारण पिंपल्स, किल,मूहासे होते है और इससे चेहरे पर खुजली होती है।
इससे बचने के लिए एलो वेरा का रस या क्रीम लगाए।
खुजली मुख्यतः चार प्रकार की होती है:
1.तंत्रिकाजन्य और प्रणालीगत खुजली / Neurogenic and systemic itch
2.साइकोोजेनिक खुजली / Psychogenic itch
3.न्यूरोपैथिक खुजली / Neuropathic itch
4.प्रुरिटोसेप्टिव खुजली / Pruritoceptive itch
Ketotosc Antifungal Soap – Anti Itching Soap खूजली कम करने में मदद करता है,यह फ़ंगस को मारकर खूजली से छुटकारा दिलाता है।
खुजली वाले क्षेत्रो पर Anti Itching क्रीम लगाए जीससे खूजली कम हो और निंद आच्छि आए।
यह खूजली का प्रमुख कारण है दाद, रिंगवोर्म और बॅक्टरीयल संक्रमन।
तो उम्मीद है दोस्तो आपको खुजली की दवा इस लेख में मिली हो और आपकी खूजली खतम हुइ हो। अगर आपको इसके अलावा खुजली की दवा पर कुछ सवाल हो तो आप कमेंट करके पुछ सकते हो।
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