खूनी बवासीर की दवा पतंजलि
पतंजलि दिव्य अभूतपूर्व सिरप और पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी यह खूनी बवासीर की दवा पतंजलि द्वारा बाजार में उपलब्ध है।
शुद्ध प्राकृतिक और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी यह पतंजलि की दवाइया खुनी बवासीर को कम करके सुखाती है और खुलजी और दर्द को कम करती है।
इसके अलावा बवासीर की गारंटी की दवा आप ढूंढ रहे है तो हमारा लेख बवासीर की गारंटी की दवा जरूर पढ़े इसमें १००% बवासीर के हल की दवाइया दी गई है।
1.Patanjali Divya Abhyaristh Syrup

पतंजलि अभ्यासिष्ठ एक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है जो आपके पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करता है। इसका प्रमुख उपयोग खूनी बवासीर की दवा पतंजलि के रूप में किया जाता है।
पतंजलि अभयारिष्ट यह प्राकृतिक अर्क से तैयार किया जाता है जिसमें रेचक गुण होते हैं और पेरिस्टाल्टिक आंदोलनों को प्रेरित करते हैं जिससे आंतों को दर्द से मुक्त किया जा सकता है। आँतों और मलत्याग के दौरान दर्द होना बवासीर का आम लक्षण होता है।
यह पतंजलि की दवा पाचन में सुधार कराती है, भूख बढ़ाती है, गैस बनना कम कराती है और खुनी बवासीर में सूजन को शांत करता है।
कब्ज और बवासीर को जीवन का आनंद लेने से पीछे न आने दें। अपने पेट पर आयुर्वेदिक इलाज के सुखदायक स्पर्श का अनुभव करने के लिए अभ्यासिष्ठ लें।
पतंजलि अभयरिष्ट की सामग्री
- हरद
- मुन्नाका
- महुआ
- वैविदांग
- गुड़
- गोखरू
- निसोथ
- धनिया
- ढैफुल
- इंद्रायणमूल
- छव्य
- सौंठ
- दंतिमुल
- मोचरस
पतंजलि अभ्यासिष्ठ बवासीर दवा का सेवन के लिए निर्देशन
- १४ अभूतपूर्व आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी इस दवा का सेवन खाने के बाद या खाने से एक घंटे पहले किया जाना चाहिए।
- यदि आप इसे बवासीर को कम करने के लिए ले रहे है तो आपको दिन में दो बार दो चम्मच खाने के एक घंटे पहले लेने चाहिए।
- यदि आपके बवासीर ठीक हुए हो और आप फिरसे बवासीर की समस्या नहीं होने के लिए ले रहे हो तो दिन में दो बार एक चम्मच इस दवा का इस्तेमाल करें।
- इसे आप पानी के साथ सेवन क्र सकते है।
- यदि आपकी कोई खुराक छूट जाती है तो आपको जल्द से जल्द याद आने पर ले सकते है।
2.Divya Arshakalp Vati

अर्शकल्प वटी बवासीर, फिस्टुला और खूनी बवासीर के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित दवा सिद्ध औषधि है।
खूनी बवासीर की दवा पतंजलि को एक यह हर्बल अर्क के संयोजन से बनाया गया है जो सूजन को ठीक करने और दर्द और परेशानी को शांत करने की क्षमता रखता है।
बवासीर रोधक गुणधर्म के अलावा अर्शकल्प वटी में रेचक गुण भी होते हैं जो क्रमाकुंचन को प्रेरित करते हैं और इस प्रकार आंतों को दर्द से मुक्त करते हैं।
यह पाचन में सुधार करता है, गैस बनने और बेचैनी को कम करता है। कब्ज और बवासीर को जीवन का आनंद लेने से पीछे न आने दें। आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ सुखदायक और स्थायी वसूली के लिए अर्शकल्पवती लें।
पतंजलि अर्शकल्प वटी की सामग्री
महीन चूर्ण:
- रसौत सुधा
- हरड़ छोटा
- बकायन
- निमोली
- रीठा
- दालचीनी
- खुंखरबा
जलीय अर्क:
- मकोय
- घृतकुमारी
- नागदोन
पतंजलि अर्शकल्प वटी के सेवन के लिए निर्देशन
- पतंजलि अर्शकल्प वटी के एक बोतल में ४० टैबलेट होती है जो आपको रोजाना भोजन के बाद दो टैबलेट पानी के साथ लेनी चाहिए।
- टैबलेट को बिना तोड़े मरोड़े पानी या दूध के साथ निगल ले।
- यदि आप कोई खुराक भूल जाते है तो याद आते ही उसका सेवन करें। लेकिन यदि अगले खुराक का समय नजदीक हो तो पुराणी खुराक छोड़कर अगली खुराक समय पर ले।
3.Patanjali Divya Jatyadi Ghrit

खूनी बवासीर की दवा पतंजलि में शामिल एक और दवा जत्यादि घृत एक पॉली-हर्बल आयुर्वेदिक प्राकृतिक घाव भरने का फार्मूला है।
इसका उपयोग सभी प्रकार के घावों, बवासीर के मस्से की क्रीम और जलन के इलाज के लिए किया जाता है।
बवासीर के मस्से की दवा patanjali के नाम से भी इसे पहचाना जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि इसकी प्रभावशीलता और मस्से सुखाने की क्षमता के कारण है।
पतंजलि ज्त्यादी घृत की सामग्री
- गोघृता जाती
- निम्बा
- दारुहरिद्रा
पतंजलि दिव्य जत्यादी घृत के इस्तेमाल का निर्देशन
- सबसे पहले बवासीर की क्षेत्र को अच्छे पानी से धो ले और अच्छे कपड़े से सूखा ले।
- ज्त्यादी घृत को ऊँगली या कपास पर लगाकर बवासीर के घावों पर लगाए।
- दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराइए।
4.Patanjali Divya Giloy Sat

गिलोय सत् एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जो खुनी बवासीर के आलावा पुराने बुखार, चिपचिपे हाथों, अधिक पसीना, प्यास, योनि स्राव आदि को ठीक करती है।
बवासीर की पतंजलि दवा गिलोय सैट में बहुत शक्तिशाली जीवाणुरोधी, विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं और यह एक प्राकृतिक एंटासिड है। यह संक्रमण को ठीक करता है, पाचन विकारों को ठीक करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।
गिलोय सत आपके लिए लाए हैं गिलोय की खूबियों को उस देखभाल के साथ जिसके वह हकदार हैं। बवासीर के मस्से, रक्त, हड्डी, पाचन संबंधी समस्याओं या संक्रमण से राहत पाने के लिए गिलोय सत् का सेवन करें। गिलोय सत के साथ समग्र वसूली का अनुभव करें।
पतंजलि गिलोय सत के इस्तेमाल के लिए निर्देशन
पतंजलि दिव्य गिलोय सैट आधा चम्मच शहद या गुनगुने पानी के साथ भोजन के बाद दिन में दो बार लेना होगा। गिलोय सैट: 2-3 टेबल स्पून दिन में दो बार लंच से पहले या बाद में।
5.खूनी बवासीर की अंग्रेजी दवा

Stayoff-4-piles यह एक प्रसिद्द और प्रभावशाली खूनी बवासीर की अंग्रेजी दवा है। यह पतंजलि की बनाई हुई नहीं है लेकिन इसकी प्रभावशालिता पतंजलि की दवाइयों से अधिक बेहतरीन है।
यह दवा आपके बवासीर के मस्से सुखाकर उन्हें एक हफ्ते के भीतर जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती है।
दवा का इस्तेमाल के निर्देशन
पहले 7 दिनों के लिए नाश्ते से १ घंटे पहले २ कैप्सूल ले और फिर, अगले १६ दिनों के लिए १ घंटे के नाश्ते से पहले १ कैप्सूल और खाने के बाद १ कैप्सूल लें।
FAQ – खूनी बवासीर की दवा पतंजलि
पतंजलि दिव्य अभूतपूर्व सिरप, पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी और पतंजलि ज्त्यादी घृत यह खूनी बवासीर की दवा पतंजलि द्वारा बाजार में उपलब्ध है। इसे आप आसानी से कम कीमत पर ऑनलाइन खरीद सकते है।
पतंजलि भारत में एक भरोसेमंद ब्रांड के नाम पर उभरा है। यह शुद्धता और सही मात्रा में आयुर्वेदिक दवाइयों को सामान्य जनता को उपलब्ध करता है। यह सभी दवाइया एकदम सुरक्षित है।
यह तो आपके दवा और बवासीर के स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन सामन्य स्थिति मे पतंजलि बवासीर के दवा का इस्तेमाल कमसे कम १५ दिनों तक लगातार करना होगा।
पतंजलि के अलावा अन्य दवाइया भी उपलब्ध है जो कई मामले में पतंजलि से बेहतरीन प्रभाव दिखाती है। इन दवाइयों की सूचि पढ़े – बवासीर की गारंटी की दवा
बवासीर का लेजर ऑपरेशन खर्च ५००० से लेकर ३०००० तक हो सकता है। इसीलिए हम ऑपरेशन के बजाय बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज लेने की सलाह देते है।
बवासीर में खून रोकने के उपाय में हल्दी और निम् के पत्ते की पेस्ट लगा सकते है। या नजदीकी मेडिकल स्टोर से खून रोकने की दवा ले।
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