निमोनिया के लक्षण, निमोनिया कैसे होता है और निमोनिया पर रामबाण उपचार

आज के लेख में हम जानेंगे निमोनिया कैसे होता है और निमोनिया का रामबाण घरेलू उपचार.

निमोनिया क्या होता है ? pneumonia meaning in hindi ?

  • निमोनिया एक फेफड़ों का बॅक्टेरीयल संक्रमण है जो कम प्रभावी या इतना गंभीर हो सकता है कि आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है।
  • निमोनिया में रोगी के फेफड़ों में हवा की थैली में बॅक्टेरीयल संक्रमण की वजह से द्रव या मवाद भर जाता है। इस वजह से निमोनिया के रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • निमोनिया में सांस लेने की अक्षमता के कारण शरीर में मांसपेशींयो द्वारा जरुरी ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता और इस वजह से निमोनिया एक गंभीर रूप में बदल जात है।
  • हालाकी, निमोनिया का संक्रमन किसी को भी हो सकता है लेकीन 2 साल से कम उम्र के शिशुओं और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।
  • ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) निमोनिया से लड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती है।

निमोनिया कैसे होता है ?

निमोनिया कैसे होता है
निमोनिया कैसे होता है

हम जिस हवा में सांस लेते हैं, उसमें कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और अन्य घातक जिवाणू होते है जिनके कारण निमोनिया हो सकता है। 

निमोनिया के बैक्टीरिया/जीवाणु Causes Of Pneumonia In Hindi

न्यूमोकोकल निमोनिया यह सबसे आम प्रकार का निमोनिया होता है जो न्यूमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है।
निमोनिया के अन्य जीवाणु निम्नलिखित है:

  1. माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया
  2. क्लैमाइडोफिला निमोनिया
  3. लीजियोनेला न्यूमोफिला

यह बैक्टीरिया जब सांस लेते समय आपके फेफड़ों में जाता है तब इसके संक्रमन से फेफड़ों में द्रव या मवाद भर जाता है।

Source : – lung.org

निमोनिया के लक्षण nimonia ke lakshan/symptoms in hindi

निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के लक्षण

निमोनिया के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते है, ईसकी तीव्रता रोगाणु के प्रकार और आपके उम्र और प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करती है।
निमोनिया के हल्के लक्षण सर्दी या फ्लू के समान होते हैं, लेकिन वे लंबे समय तक रहते हैं।

निमोनिया के लक्षण nimonia ke lakshan/symptoms in hindi

  1. सांस लेने या खांसी होने पर सीने में दर्द होना
  2. मानसिक स्तिथी में बदलाव (65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में)
  3. खांसी, जिसमे कफ अधिक होना (खांसी का इलाज घरेलू)
  4. थकान
  5. बुखार, पसीना और कंपकंपी ठंड लगना
  6. सामान्य शरीर के तापमान से कम तापमान होना
  7. मतली, उल्टी या दस्त
  8. साँस लेने में तकलीफ

नवजात शिशु में कोई संकेत नहीं दिखाइ देना ऐसा हो सकता है,लेकीन उन्हे उल्टी, बुखार और खांसी हो सकती है या सांस लेने और खाने में कठिनाई हो सकती है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहीए ? When To See A Doctor ?

यदि आपको सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या आपके शरीर का तापमान 39 C से उच्च हो और आपको लगातार खांसी और कफ हो रहा हो तो आप आपके नजदीकि डॉक्टर के पास तुरंत जाए और निमोनिया का टेस्ट करावा लें।
यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि इन उच्च जोखिम वाले समूहों के लोगों को डॉक्टर के पास जाना अधिक आवश्यक होगा:

  1. 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क
  2. 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिन्हे निमोनिया के संकेत और लक्षण दिखाई देते है
  3. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
  4. कीमोथेरेपी प्राप्त करने वाले लोग

निमोनिया के प्रकार – Types Of Pneumonia In Hindi

निमोनिया कई अलग प्रकार के होते है यह प्रकार मुख्य रूप से होने वाले करणो के आधार पर विभागे गए है।

1.हॉस्पिटल एक्वायर्ड निमोनिया कैसे होता है – Hospital-acquired pneumonia

कुछ लोग को एक अन्य बीमारी के लिए अस्पताल में रहने के दौरान निमोनिया होता है जिसे हॉस्पिटल एक्वायर्ड निमोनिया केहते है, इस प्रकार का निमोनिया गंभीर हो सकता है क्योंकि इसके बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के लिए अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं और क्योंकि इसे पाने वाले लोग पहले से ही बीमार होते हैं।
लोग श्वास मशीनों (वेंटिलेटर) पर होते हैं, उन्हें इस प्रकार के निमोनिया होने का अधिक खतरा होता है।

2.कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया कैसे होता है – Community-acquired pneumonia

कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया सबसे आम प्रकार का निमोनिया होता  है।  यह अस्पतालों या अन्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बाहर होता है। नीचे दिए गए कुछ बिंदू इसके कारण हो सकते है: 

  • जीवाणु
  • बैक्टीरिया जैसे जीवक
  • वक/फंगी
  • वायरस जीसमे Covid-19 भी शामिल हो सकता है

3.हेल्थ केअर एक्वायर्ड निमोनिया कैसे होता है Health care-acquired pneumonia

हेल्थ केअर एक्वायर्ड निमोनिया एक जीवाणु संक्रमण है जो उन लोगों में होता है जो दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं में रहते हैं। या जो गुर्दे के डायलिसिस केंद्रों सहित आउट पेशेंट क्लीनिकों में देखभाल प्राप्त करते हैं। 
हॉस्पिटल एक्वायर्ड निमोनिया की तरह, स्वास्थ्य देखभाल-अधिग्रहित निमोनिया बैक्टीरिया के कारण हो सकता है जो एंटीबायोटिक दवाओं के लिए अधिक प्रतिरोधी हैं।

4.अस्पायरेशन निमोनिया कैसे होता है – Aspiration Pneumonia

अस्पायरेशन निमोनिया तब होता है जब आप भोजन, पेय, उल्टी या लार के जिवाणू को सांस द्वारा अपने फेफड़ों में डालते हैं। 
अस्पायरेशन निमोनिया अधिक होने की संभावना है अगर आपको मस्तिष्क की चोट या निगलने की समस्या, या शराब या ड्रग्स का अत्यधिक उपयोग हो।

निमोनिया का घरेलू उपचार – home remdies for pneumonia in hindi

निमोनिया का घरेलू उपचार आपके निमोनिया का प्रभावी इलाज नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग इसके लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए किया जा सकता है।
निमोनिया का घरेलू उपचार से पहले हम आपको यह बताना चाहते है की आप निमोनिया के उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह मशुहरा करें।

खांसी और कफ पर प्रतिबंध

निमोनिया की शुरुआत में आपको खांसी हो सकती है और यह मुख्यतः 24 घंटों के भीतर हो सकती है, या कुछ दिनों के दौरान विकसित हो सकती है।
खाँसी आपके फेफड़ों से तरल पदार्थ को निकालने के द्वारा आपके शरीर को संक्रमण से छुटकारा दिलाने में मदद करती है, इसलिए आप खांसी को पूरी तरह न रोखें।

और पढ़े:- खांसी का इलाज घरेलू

खारे पानी की गरारे करें – निमोनिया का घरेलू उपचार

नमक के पानी से गरारे करने से आपको आपके गले में मौजूद कुछ बलगम से छुटकारा पाने और जलन से राहत देने में मदद कर सकता है।

गर्म पुदीने की चाय पिएं – निमोनिया का घरेलू उपचार

पुदीना जलन को कम करने और बलगम को बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है।  क्योंकि यह एक सिद्ध decongestant, विरोधी भड़काऊ, और दर्द निवारक है।

इसके अलावा दर्द को कम करने के लिए आप दर्दनाशक गोली जैसे की sumo tablet और Nicip Plus tablet जिवाणू संक्रमन में यह गोली दि जा सकती है ivermectin tablet , zifi 200 tablet

निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार – निमोनिया का रामबाण उपचार

निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार - निमोनिया का रामबाण उपचार
निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार

निमोनिया से जुड़े बुखार को आयुर्वेद में श्वसनका ज्वरा केहते है (बुखार जो सांस लेने की समस्या पैदा करता है) निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार

1.मुलैठी की जड़ – निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार

मुलेठी श्वसन मार्ग को स्वस्थ रखने में मदद करता है और फेफड़ों को संक्रमण से बचाता है। इसमे अच्छे सूजन-रोधी तत्व भी होते है।  
अपने आहार में मुलेठी को शामिल करना निमोनिया से सुरक्षा में फायदेमंद है और यह निमोनिया के लिए एक अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है।

2.अदरक और शहद – निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार

अदरक एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुणों जैसे कई लाभों के साथ एक अद्भुत घटक है।  यह श्वसन समस्याओं को भी कम करता है और फेफड़ों के संक्रमण से लड़ता है।  अदरक की जड़ का रस निकालें और इसे शहद के साथ मिलाएं।  निमोनिया के खिलाफ इस आयुर्वेदिक उपचार के साथ खुद को बचाने के लिए सुबह और बिस्तरपर जाने से पहले एक चम्मच का सेवन करें।

Tambekar DH, Dahikar SB. Antibacterial activity of some Indian Ayurvedic preparations against enteric bacterial pathogensJ Adv Pharm Technol Res. 2011;2(1):24-29. doi:10.4103/2231-4040.79801

निमोनिया में ईस्तेमाल की जाने वाली दवाईया

आपका उपचार आपके निमोनिया के प्रकार और स्तिथी पर निर्भर करेगा कि यह कितना गंभीर है।
मौखिक एंटीबायोटिक्स जैसे की zifi 200 tablet और Amoxicillin या Augmentin को  निमोनिया के अधिकांश मामलों का इलाज में दि जाती हैं।  
हमेशा एंटीबायोटिक दवाओं को डॉक्टर द्वारा दिए गए डोस में लें, भले ही आप बेहतर महसूस करना शुरू कर दें तभी भी इसका ईस्तेमाल बंद ना करें। 
एंटीबायोटिक दवाएं वायरस पर काम नहीं करती हैं।  कुछ मामलों में, आपका डॉक्टर एक एंटीवायरल दवाई लिख सकता है ( ivermectin tablet ) ।  हालांकि, वायरल निमोनिया के कई मामले घर पर देखभाल के साथ अपने दम पर ठीक होते हैं।
फंगल निमोनिया से लड़ने के लिए एंटिफंगल दवाओं का उपयोग किया जाता है।  संक्रमण को साफ़ करने के लिए आपको इस दवा को कई हफ्तों तक लेना पड़ सकता है।

निमोनिया से बचाव के लिए करें निम्न उपाय !

टीका / Vaccine – निमोनिया से बचाव

निमोनिया के खिलाफ बचाव की पहली पंक्ति टीकाकरण है।  कई टीके हैं जो निमोनिया को रोकने में मदद कर सकते हैं। यदी आपको निमोनिया होणे की चिंता है तो आप इसको लें सकते है।

निमोनिया पर अन्य रोकथाम युक्तियाँ

  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने की कोशिश करें, क्योंकी धूम्रपान आपको श्वसन संक्रमणों के लिए अधिक संवेदनशील बनाता है।
  • अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
  • अपनी खांसी और छींक को कवर करें।  इस्तेमाल किए गए ऊतकों को तुरंत डिस्पोज करें।
  • अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें।  पर्याप्त आराम करें, स्वस्थ आहार खाएं और नियमित व्यायाम करें।

निमोनिया कैसे होता है – nimonia ke lakshan in hindi

निमोनिया कैसे होता है – nimonia ke lakshan in hindi

FAQs of Pneumonia In Hindi – निमोनिया से जूडे सवाल – जवाब

निमोनिया की दवा क्या है?

निमोनिया में जिवाणू संक्रमन को रोखणे के लिए अँटी बायोटिक दवा का ईस्तेमाल किया जाता है जीसमे शामिल है:
1. zifi 200 tablet
2. Cefuroxime Axetil
3. ivermectin tablet

निमोनिया कितने दिन तक रहता है?

यह एक दीर्घकालीन बिमारी है, जो महिने तक रह सकती है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और संक्रमन पर यह निर्भर होता है की निमोनिया कितने दिन तक राहता है।

निमोनिया में क्या खाना चाहिए ?

प्रोटीन से भरपूर आहार निमोनिया से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।  नट, बीज, सेम, सफेद मांस और ठंडे पानी की मछलियों जैसे सामन और सार्डिन जैसे पदर्थो का सेवन करें।

तो उम्मीद है आपको इस लेख में निमोनिया कैसे होता है पता चला हो इसके साथ हमने देखा pneumonia in hindi, nimoniya ka ilaj और निमोनिया का रामबाण उपचार, निमोनिया के लक्षण यदि आपको कुछ सवाल हो तो कृपया कमेंट करें