ऐसा मंदिर जीसके उपर से आज तक कोई पंछि नहीं उडा – जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य की कहानी

आज की कहाणी भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर की है, यह मंदिर ओडिसा के पुरी नामक शहर मे है, जो हिंदुओ के चार धाम है यह उसी में से एक धाम है।
इन चार धाम की कहाणी ये है की जब भगवान विष्णू इन चार धाम पर बसे तब सबसे पहले हिमालय की उची चोटी पर अपने पेहले धाम बद्रीनाथ जाते थे और वहा पर स्नान करते थे, फिर उसके बाद भगवान विष्णू पश्चिम मे गुजरात के द्वारका मे जाते थे और वहा अपने वस्त्र बदलते है, इसके बाद पूर्व मे पुरी यहा वो भोजन करते थे और दक्षिण मे रामेश्वरम मे विश्राम करते थे यह मान्यता है।

इस मंदिर से जूडे कइ सारे राज है जो इसका महत्व और बढाते है ऐसें ही कुछ राज नीचे दिये गये है.

#1 जगन्नाथ पुरी का रहस्य – कृष्ण भगवान का ह्रदय अभि भी जिंदा है.

जगन्नाथ पुरी के मंदिर की एक खासियत यह है की इस मंदिर मे लकडी की मूर्तीया है जो की मुझे लगता है दुसरे किसीं और मंदिर मे नहीं हॊती. इसमे मुख्य तीन मूर्तीया है जीसमे से मुख्य मूर्ती कृष्ण भगवान की है.

अब कुछ लोगों का यह मानना है की जब कृष्ण भगवान ने देह का त्याग किया था तब उनके अंतिम संस्कार के बाद उनके सारे अवयव राख हो गये थे मात्र उनका ह्रदय जैसे का वैसा और जिंदा था यह ह्रदय फिर इसी मूर्ती मे डाला गया और यह ह्रदय आज भी कृष्ण भगवान की मूर्ती मे है.

इसके साथ इस मंदिर की एक परंपरा है की हर 12 साल बाद एस मूर्ती को बदल दिया जाता है, जीस दिन यह मूर्ती को बदलना होता है उस दिन पुरे शहर यानी की पुरी की बिजली बंद की जाती है और सारी ओर अंधेरा किया जाता है, फिर CRPF पोलीस इस मंदिर की चारो ओर घेरा बनाते है क्योंकी मंदिर मे कोई आने न पाये इसके बाद जो पुजारी इस मंदिर की बदली करणे वाला होता है उसके हाथो मे दस्ताने और आखों पर पट्टी बांधकर अंदर चला जाता है और मूर्ती बदलता है,
मूर्ती बदलने के लिए पुराणी मूर्ती से ब्रम्हपदार्थ को निकालके नई मूर्ती मे डालना पडता है लोगों का मानना यह है की यह ब्रम्हपदार्थ ही कृष्ण भगवान का ह्रदय है.

जो पुजारी मूर्ती को बदलता है उसे इस बारे मे पुछे जाणे पर पुजारी ने यह बटाया की ये जो भी चीज है वह हाथ मे उछलती है जैसे की खरगोश और उनका भी यह मानना है की यह कृष्ण भगवान का ह्रदय है.

#2 सिंग दरवाजा जीसके भीतर कदम जाते ही बाहर की लहरो की आवाजे बंद हो जाती है.

जगन्नाथ पुरी के मंदिर मे एक सिंग दरवाजा है और यह मंदिर समंदर के किनारे है और वैसे तो यहा लहरो की आवाजे खूब आती है लेकीन आप जैसे ही सिंग दरवाजे के भीतर कदम रखते है तो आपको लहरो की आवाजे बंद हो जाती है और जब वापसी मे आप एक कदम बाहर रखते है वही से आपको लहारो की आवाजे आनी चालू हो जाती है.

#3 चिताओ की गंध

इसी मंदिर के पास मे चिताये भी जलाई जाती है जीसकी गंध आपको सिंग दरवाजे के बाहर आती है मात्र यही गंध आपको सिंग दरवाजे के बाहर नहीं आती है.

#4 जगन्नाथ पुरी के मंदिर के उपर से आज तक एक भी पंछि नहीं उडा.

जगन्नाथ पुरी के पुरे इतिहास मे इसका जो इलाका है वहा पर आज तक कभी भी कोई पंछि उपर से उडकर या कीसी नजदीकि परिसर से उडा नहीं है, अब ऐसा क्यू है यह भी एक रहस्य है. और ज्यूकी इसके उपर से कोई उडान नहीं भर सकता इसिलिए इसके उपरसे विमान और हेलिकॉप्टर को भी उडणे की पाबंदी है.

#5 बिना परछाई वाला गुंबत

वैसे तो जगन्नाथ पुरी का मंदिर बडा ही विशाल और एक काफी बडे इलाके मे बना है और इसका गुंबत भी काफी उचा है लेकीन इस गुंबत की परछाई पुरे दिन मे कभी भी जमीन पर नहीं पडती यह भी एक राज है की यह क्यो नहीं पडती इसका जवाब आज भी सायन्स नहीं दे पाया है और यह भी भगवान का चमत्कार है दोस्तो.

#6 हवा के विपरीत लहराता झंडा

जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुंबत के उपर लगा हुआ झंडा हवा के विपरीत लहराता है, जी हा डोस्तो झंडा हवा के विपरीत उडता है यह भी भगवान का एक चमत्कार है.

जगन्नाथ पुरी मंदिर के साथ ऐसें अनेक रहस्य जूडे हुये है जीनका जवाब आज भी इस संसार मे किसीं के पास नहीं है, इसिलिए कभी जाइये जगन्नाथ पुरी और स्वयं कृष्ण भगवान के ह्रदय नगरी मे अपने जीवन का सार्थ करने.
जय श्री कृष्ण भगवान

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