पेशाब से बवासीर का इलाज हो सकता है क्या? यह एक बहुप्रसिद्ध सवाल है जिसका जवाब आज के इस लेख में आपको विस्तार से पढ़ने मिलेगा।
कई वेबसाइट गाय का पेशाब और खुदका पेशाब बवासीर के इलाज के लिए इस्तेमाल का सुझाव देते है लेकिन यह बिलकुल गलत और नुकसान पहुचने वाला हो सकता है।
मात्र हम आपको हमारी बवासीर की गारंटी की दवा और खूनी बवासीर की दवा पतंजलि को इस्तेमाल करने की सलाह देते है। जो रातो रात आपके बवासीर के मस्से सूखाती और खत्म करती है।
क्या पेशाब से बवासीर का इलाज किया जा सकता है?

सबसे पहले हमे ये जानने की जरूरत है की किसी भी चीज को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उसमे औषधीय गुण होने आवश्यक होते है।
मानवी पेशाब में शरीर के अपव्यय के अलावा कुछ नहीं होता। यह एक प्रकार से शरीर से बाहर निकाली गई ख़राब और बेकार द्रव्य है।
पेशाब द्रव और अपशिष्ट उत्पादों से बना होता है जिनकी आपके शरीर को आवश्यकता नहीं होती है। आपके गुर्दे खून से अतिरिक्त पानी और सेलुलर उपोत्पाद को हटाकर फिल्टर के रूप में काम करते हैं। यह अपशिष्ट पेशाब के रूप में मूत्राशय में नीचे भेजा जाता है।
अब आप ही बताइए जब पेशाब शरीर के कचरे के अलावा कुछ नहीं है तो इससे आप बवासीर का इलाज कैसे क्र सकते है ?
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गोमूत्र – गाय के पेशाब से बवासीर का इलाज
लेकिन गोमूत्र (गाय का पेशाब) बवासीर रक्तस्राव, खुजली, दर्द, बलगम या मवाद के निर्वहन और अन्य लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित हुई है।
34 से 44 वर्ष की आयु के 70 बवासीर रोगियों पर एक अध्ययन किया गया जो बवासीर के मस्से और फिस्टुला से पीड़ित थे। गोमूत्र चिकित्सा से औसतन 2.9 महीने तक लेने के बाद; औसतन 86% ने अपनी स्थिति में सुधार देखा।
गोमूत्र – गाय के पेशाब के फायदे
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
- खुजली और दर्द को कम करने में मदद करता है।
- आगे की वृद्धि और जटिलता को रोकता है।
- पुनरावृत्ति की संभावना को कम करता है।
नैदानिक अध्ययनों से पता चला है कि गाय के पेशाब में निम्नलिखित बीमारियों से राहत पाने में मदद करते हैं:
- आंतरिक और बाहरी बवासीर,
- फिस्टुला,
- रक्तस्रावी बवासीर,
- गुदा विदर,
- दर्दनाक निकासी,
- पुरानी कब्ज,
- बाउल विकार,
- गुदा में खुजली।
IMC Herbal Gomutra (पेशाब से बवासीर का इलाज)
गोमूत्र में विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं को मारने की अद्भुत रोगाणुनाशक शक्ति होती है। यह त्रिदोष को संतुलित करता है, इस प्रकार रोग ठीक हो जाते हैं। इसके नियमित सेवन से बवासीर के मस्से हटाने में मदद होती है।
गाय का पेशाब – गौमूत्र विषैले प्रभावों को नष्ट कर शरीर को रोग मुक्त बनाता है। गोमूत्र रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करता है। इसके अलावा यह अच्छा पाचन, रेचक और विषाक्त पदार्थों के खिलाफ एक तटस्थ आयुर्वेदिक एजेंट माना जाता है।
बवासीर के अलावा इसे एनीमिया, पीलिया, रक्त पित्त, हृदय रोग, सिरदर्द, कब्ज, शुगर जैसे विभिन्न रोगों को ठीक करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
गाय के पेशाब से बवासीर का इलाज कैसे करें
- बवासीर के लिए गाय का पेशाब (गौमूत्र) आपको कम से कम दो हफ्तों तक लेना होगा।
- एक ग्लास पानी में दो चम्मच गोमूत्र डाले और घोल कर पिए।
- इस उपाय को आप दिन में दो बार दोहराए।
मानवी पेशाब के दुष्प्रभाव
जी हा, जितना गाय का पेशाब औषधि है उतना ही मानवी पेशाब दुष्प्रभावी हो सकता है। इसके सामान्य दुष्प्रभाव में शामिल है:
संक्रमण
पेशाब में किसी भी अन्य शारीरिक उत्सर्जन की तरह ही बैक्टीरिया होते हैं। मूत्र स्रोत के जननांग से उत्पन्न बैक्टीरिया भी हो सकते हैं।
इनमें से कुछ बैक्टीरिया गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। किसी भी प्रकार का मूत्र पीने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जब तक कि इसे अलग से निष्फल न किया गया हो।
विषाक्त पदार्थों
आपका मूत्र तंत्र विशेष रूप से आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का काम करता है। जब आपके शरीर में खतरनाक पदार्थ बनने लगते हैं, तो मूत्र उन्हें हटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्राथमिक विधियों में से एक है।
यदि आप पेशाब से बवासीर का इलाज करने की सोचते है तो आपको इसके दुष्प्रभाव हो सकते है।
- बवासीर के पास या में जलन और घावों में जलन का बढ़ जाना।
- पेशाब में खतरनाक रसायनों के संपर्क में आना, जैसे दवाओं की ट्रेस मात्रा जिनसे व्यक्ति को एलर्जी हो सकती है।
- विलंबित चिकित्सा उपचार, यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि पेशाब उनकी बीमारी का इलाज कर सकता है।
बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज
बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज यह पेशाब से बवासीर का इलाज से अत्यंत प्रभावी माना जाता है। यह बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया गया है।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण – जैसा कि हम सभी जानते है, कब्ज बवासीर का एक प्रमुख कारण होता है।
बवासीर को दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए जो बवासीर को विकसित होने से रोकना चाहिए।
उपयोग के निर्देशन
- 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण को रोज रात को सोने से पहले गर्म पानी में मिलाकर सेवन करें।
- अगर इसका सेवन नियमित किया जाए तो यह जादू की तरह काम करता है।
कैस्टर ऑयल
इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे व्यापक गुण होते हैं। इसलिए, इस घटक में बवासीर के आकार को कम करने और बवासीर के मस्से में दर्द को कम करने की शक्ति होती है।
इस्तेमाल के निर्देशन
- 3 मिलीलीटर अरंडी का तेल रोज रात को दूध में मिलाकर सेवन करें।
- इसे प्रभावित क्षेत्र में भी लगाया जा सकता है।
- इस दवा का बाहरी उपयोग और नियमित सेवन, बवासीर के दर्द और लक्षणों को कम करने के लिए अच्छा काम करता है।
जामुन पाउडर
जामुन पाउडर, जिसे जामुन के फल से बनाया जाता है, यह बवासीर के इलाज में प्रभावी है।
यह फल ग्रीष्मकाल में उपलब्ध होता है, अत: इनकी उपलब्धता का भरपूर उपयोग करें। सुबह खाली पेट एक चमच जामुन की पाउडर को थोड़े से नमक के साथ पानी में घोलकर पिए।
यह जामुन एक्सट्रैक्ट कैप्सूल बहु-पोषक तत्वों के लाभ से समृद्ध हैं। इसमें आवश्यक पोषक तत्वों का सही संयोजन है।
फ्लेवोनोइड्स, आवश्यक तेलों और कार्बनिक एसिड जैसे मैलिक एसिड और ऑक्सालिक एसिड की उपस्थिति इसे कई स्वास्थ्य स्थितियों के प्रबंधन में फायदेमंद बनाती है।
शलगम
शलगम एक और उपयोगी आयुर्वेदिक उपाय है। गाजर, पालक और शलजम के पत्तों के रस में से प्रत्येक के 50 मिलीलीटर का मिश्रण तैयार करें और बवासीर पर लगाइए।
- थोड़े से छाछ में करेले या करेले के पत्तों का रस मिलाएं। इसे रोज सुबह लेना चाहिए।
- हल्दी में एंटीसेप्टिक और हीलिंग गुण होते हैं। इसलिए एक चम्मच पिसी हुई ताजी हल्दी की जड़ का सेवन करें।
- नारियल को प्रभावित जगह पर लगाने से जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
Frequently Asked Question
नहीं, मानवी पेशाब में शरीर के कचरे के अलावा कुछ नहीं होता इसीलिए इसका इस्तेमाल बवासीर के उपाय में नहीं किया जाना चाहिए।
संक्रमण, जलन, बवासिर का अधिक तीव्र होना, मस्से की साइज़ में बढ़ावा, रक्तस्त्राव का बढ़ जाना ऐसे दुष्प्रभाव पेशाब से बवासीर का इलाज से हो सकते है।
पेशाब से बवासीर का इलाज करना बिलकुल ही असुरक्षित होती है। इसीलिए ऐसे में खूनी बवासीर की दवा पतंजलि का इस्तेमाल या बवासीर के मस्से हटाने की क्रीम का इस्तेमाल सुरक्षित है।
१०० प्रतिशद गाय के पेशाब से बवासीर का इलाज हो सकता है, इसमें मौजूद औषधीय गुणधर्म बवासीर के मस्से हटाने में उपयोगी होती है।
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